इंदौर। दक्षिण अफ्रीका की यात्रा के नाम पर लाखों की ठगी का मामला तूल पकड़ चुका है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस पर सार्वजनिक शिकायत (Public Grievance) के रूप में संज्ञान लिया है। इंदौर के पीड़ित व्यापारी प्रणय वशिष्ठ का आरोप है कि केन्या एयरलाइंस और जयपुर की ट्रैवल एजेंसी ने मिलकर 6.38 लाख रुपये की ठगी की। एयरलाइन ने बिना किसी आधिकारिक पॉलिसी के नियम बनाकर उन्हें फ्लाइट में चढ़ने से रोक दिया। अब पीड़ित ने केन्या एयरलाइंस को भारत में प्रतिबंधित करने और ट्रैवल एजेंसी पर FIR दर्ज करने की मांग की है। इस पूरे मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है, लेकिन FIR दर्ज नहीं होने से पीड़ित न्याय के लिए भटक रहे हैं।
पीएमओ ने शिकायत को पब्लिक ग्रीवेंस के रूप में दर्ज किया
इंदौर के व्यापारी प्रणय वशिष्ठ ने शिकायत दर्ज कराई है कि ट्रैवल एजेंसी और केन्या एयरलाइंस पर 6.38 लाख की ठगी की। पीएमओ ने शिकायत को पब्लिक ग्रीवेंस के रूप में दर्ज किया है। केन्या एयरलाइंस ने पीड़ित से ईमेल पर माफी मांगी है। 9 सितंबर 2024 को दक्षिण अफ्रीका यात्रा के लिए 6.38 लाख रुपये का भुगतान किया था। 10 फरवरी 2025 को मुंबई एयरपोर्ट पर बोर्डिंग से रोका गया। केन्या एयरलाइंस ने रिटर्न टिकट का बहाना देकर रोक दिया, जबकि कोई पॉलिसी नहीं दिखाई। ट्रैवल एजेंसी ने मदद करने के बजाय फोन बंद कर लिए।
मामला उपभोक्ता फोरम का
अब सवाल ये उठता है कि अगर केन्या एयरलाइंस को वन-वे टिकट मान्य नहीं थी, तो बुकिंग क्यों की गई? पीड़ित के वकील का कहना है कि केन्या एयरलाइंस और ट्रैवल एजेंसी के खिलाफ कानूनी नोटिस भेज दिया गया है लेकिन अब तक FIR दर्ज नहीं की गई! आखिर क्यों बिना किसी आधिकारिक नियम के यात्रियों को फ्लाइट से रोका गया? क्राइम ब्रांच का कहना है कि मामला उपभोक्ता फोरम का है और FIR दर्ज करने से बच रही है।
