सात साल बाद पीएम मोदी चीन दौरे पर जा रहे हैं। 2020 में गलवान घाटी में भारत-चीन सैन्य झड़प के बाद मोदी की पहली बार चीन जा रहे हैं। मोदी की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब अमेरिका भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। वहीं एक बार फिर भारत-चीन की नजदीकियों पर अमेरिका चिढ़ गया है। पीएम मोदी के चीन दौरे पर अमेरिका ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
व्हाइट हाउस में विदेश विभाग के प्रिसिंपल उपप्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने कहा कि भारत से व्यापार असंतुलने को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप बहुत स्पष्ट हैं, विशेष रूप से रूस से तेल खरीदने के संदर्भ में। आपर हमेशा अपने साझेदार देश के साथ 100 फीसदी सहमत नहीं हो सकते लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप भारत के साथ व्यापार असंतुलन को लेकर स्पष्ट है।
दरअसल टॉमी पिगॉट से जब पूछा गया कि पीएम मोदी सात साल में पहली बार चीन जा रहे हैं। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने ब्राजील और चीन जैसे देशों पर अमेरिकी टैरिफ की आलोचना की है। क्या आप चिंतित हैं कि टैरिफ के खिलाफ BRICS एकजुट हो रहा है? इस पर पिगॉट ने कहा कि भारत से व्यापार असंतुलने को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप बहुत स्पष्ट हैं, विशेष रूप से रूस से तेल खरीदने के संदर्भ में। आपने देखा भी होगा कि राष्ट्रपति ने इस पर सीधेतौर पर एक्शन भी लिया है
उन्होंने कहा कि भारत हमारा स्ट्रैटेजिक पार्टनर है, जिनके साथ हमारे अच्छे और दोस्ताना संबंध हैं, जो जारी रहेंगे। जैसे की विदेश नीति में भी होता है, आपर हमेशा अपने साझेदार देश के साथ 100 फीसदी सहमत नहीं हो सकते लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप भारत के साथ व्यापार असंतुलन को लेकर स्पष्ट है।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के रूस से सस्ता तेल खरीदने पर आपत्ति जताई थी। ट्रंप ने रूस का तेल खरीदने की वजह से भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाया था। प्रधानमंत्री मोदी की ये यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर रूस से तेल खरीदने के लिए निशाना साधा है और अमेरिकी राष्ट्रपति का दावा है कि ब्रिक्स देश डॉलर के प्रभुत्व को चुनौती दे रहे हैं।
मोदी और जिनपिंग ने आखिरी बार अक्टूबर 2024 में रूस के कजान में ब्रिक्स समिट के दौरान मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों के बीच द्विपक्षीय बातचीत भी हुई थी। 50 मिनट की बातचीत में पीएम मोदी ने कहा था कि ‘सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता हमारे संबंधों की नींव बनी रहनी चाहिए।
