आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने क्वांटम प्रौद्योगिकी पर एक दूरदर्शी व्याख्यान दिया, जिसके साथ ही राज्य में विश्व के सबसे बड़े क्वांटम कौशल विकास कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ हुआ। उल्लेखनीय है कि वैश्विक स्तर पर पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से क्वांटम टेक्नोलॉजी पर व्याख्यान दिया है। यह कार्यक्रम वाशिंगटन इंस्टीट्यूट फॉर एसटीईएम, एंटरप्रेन्योरशिप एंड रिसर्च के नेतृत्व में एक रणनीतिक साझेदारी और भारत पार्टनर के माध्यम से लागू किया जा रहा है।
इस पहल को पहले ही खूब प्रतिक्रिया मिली है। इसके सिर्फ दस दिनों में 50,000 रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जो छात्रों और युवाओं के उत्साह को दर्शाता है। प्रतिभागियों में 51 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो कार्यक्रम की समावेशी प्रकृति को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने ‘सिलिकॉन वैली से क्वांटम वैली’ विषय के माध्यम से छात्रों को संबोधित किया, जिसमें आंध्र प्रदेश के वैश्विक क्वांटम क्रांति का नेतृत्व करने के रोडमैप को रेखांकित करने के लिए एक पीपीटी का उपयोग किया गया। उन्होंने घोषणा की, “जिस तरह सिलिकॉन वैली ने डिजिटल युग को आगे बढ़ाया उसी तरह अमरावती की क्वांटम वैली भविष्य की नॉलेज इकोनॉमी का केंद्र बनेगी।”
उन्होंने क्वांटम वैली पारिस्थितिकी तंत्र के लिए विस्तृत योजनाएं बतायी और मौजूद उद्योगपतियों और गणमान्य व्यक्तियों से क्वांटम शोध, विनिर्माण और नवाचार के लिए अमरावती के अनुकूल माहौल का लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने इस क्षेत्र के तेलुगु विशेषज्ञों की वैश्विक सफलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अमेरिका में भारतीय मूल के परिवारों की औसत आय राष्ट्रीय औसत से लगभग दोगुनी है, जिसका मुख्य कारण विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) और प्रोफेशनल रोजगार है।
उन्होंने बताया कि तेलुगु उद्यमियों ने सिलिकॉन वैली में 1,200 से अधिक टेक्नोलॉजी स्टार्टअप शुरू किए हैं। 2.5 लाख से अधिक तेलुगु प्रोफेशनल्स शीर्ष टेक फर्मों में प्रमुख पदों पर हैं और कई तेलुगुभाषी फॉर्च्यून 500 कंपनियों के प्रमुख हैं।
