चीन के साथ डील पर अडानी समूह की दो टूक: नहीं है कोई इरादा

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गौतम अडानी समूह BYD समेत किसी भी चीन की कंपनियों के साथ गठजोड़ की संभावना नहीं तलाश रहा है। समूह ने सोमवार को स्पष्ट किया कि वह बैटरी मैन्युफैक्चरिंग और क्लीन एनर्जी टेक्नोलॉजी के लिए BYD जैसी चीन की कंपनियों के साथ गठजोड़ का इरादा नहीं रखता है।दरअसल, ब्लूमबर्ग ने रिपोर्ट में यह दावा किया था कि अडानी समूह की लीडिंग कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड चीन की कंपनियों बीवाईडी और बीजिंग वीलियन न्यू एनर्जी टेक्नोलॉजी के साथ गठजोड़ की संभावना तलाश रहा है। हालांकि, बातचीत अभी प्रारंभिक चरण में है और आगे नहीं बढ़ सकती है। बता दें कि अपग्रेडेड, किफायती रिचार्जेबल बैटरी तकनीक के वैश्विक बाजार में चीनी कंपनियों का दबदबा है।

क्या कहा समूह ने

अडानी समूह ने बताया- यह खबर पूरी तरह से निराधार, गलत और भ्रामक है। समूह भारत में बैटरी निर्माण के लिए BYD के साथ किसी भी प्रकार के सहयोग की संभावना नहीं तलाश रहा है और ना ही किसी भी प्रकार की साझेदारी के लिए बीजिंग वेलियन ऑफ न्यू एनर्जी टेक्नोलॉजी के साथ चर्चा में शामिल हैं।

इस खबर के बीच समूह की लीडिंग कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर में कोई बहुत बड़ी हलचल नहीं देखी गई। हालांकि, यह शेयर ग्रीन जोन में कारोबार कर रहा था। सप्ताह के पहले कारोबारी दिन कंपनी के शेयर की कीमत करीब एक फीसदी तक चढ़ी और भाव 2373.75 रुपये तक पहुंच गया।

अडानी समूह का क्या है प्लान

समूह के पास सोलर मॉड्यूल से लेकर विंड एनर्जी और ग्रीन हाइड्रोजन तक क्लीन एनर्जी का बड़ा सेग्मेंट है। अडानी समूह अपने सौर मॉड्यूल निर्माण को 10 गीगावाट प्रति वर्ष तक बढ़ा रहा है और अपनी विंड टरबाइन निर्माण क्षमता को लगभग दोगुना करके पांच गीगावाट प्रति वर्ष करना चाहता है। समूह ग्रीन हाइड्रोजन बनाने में उपयोग किए जाने वाले ‘इलेक्ट्रोलाइजर’ के मैन्युफैक्चरिंग फैसलिटीज स्थापित करने पर भी विचार कर रहा है।

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