8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। केंद्र सरकार ने सोमवार को 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन से जुड़ी औपचारिक प्रक्रिया पूरी करते हुए उसके टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही, पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज न्यायमूर्ति रंजन प्रकाश देसाई को आयोग की अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस वार्ता में बताया कि आयोग को अपनी सिफारिशें 18 महीनों के भीतर प्रस्तुत करनी होंगी। सरकार का इरादा है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू की जाएं।
क्या होता है टर्म ऑफ रेफरेंस
बता दें कि टर्म ऑफ रेफरेंस किसी आयोग, समिति या संस्था को काम करने के लिए सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश और दायरा होता है। सीधे शब्दों में कहें तो टर्म ऑफ रेफरेंस यह तय करते हैं कि कोई आयोग किस विषय पर काम करेगा, कितने समय में रिपोर्ट देगा और कौन-कौन सी बातें ध्यान में रखेगा।
आयोग किन बातों का ध्यान रखेगा?
वेतन आयोग अपनी सिफारिशें बनाते समय नीचे दी गई इन 5 बातों को खास ध्यान में रखेगा-
1. देश की आर्थिक स्थिति और वित्तीय अनुशासन की आवश्यकता।
2. यह सुनिश्चित करना कि विकास कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध रहें।
3. गैर-योगदान आधारित पेंशन योजनाओं की लागत पर विचार।
4. राज्य सरकारों पर पड़ने वाले वित्तीय असर, क्योंकि राज्य सरकारें भी आमतौर पर केंद्र की सिफारिशों को अपनाती हैं।
5. केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र (PSU) और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन, भत्तों और कार्य परिस्थितियों की तुलना।
कब हुआ था गठन का ऐलान
बता दें कि केंद्रीय वेतन आयोगों का गठन समय-समय पर किया जाता है ताकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और सेवा शर्तों की समीक्षा की जा सके और उनमें आवश्यक बदलाव की सिफारिश की जा सके। आमतौर पर, हर 10 साल में नया वेतन आयोग गठित किया जाता है। इसी क्रम में, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है। सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी, ताकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और अन्य सुविधाओं की समीक्षा की जा सके।
