महिला आरक्षण बिल के दौरान राज्यसभा में चर्चा चल रही थी। इसी दौरान जेपी नड्डा ने राहुल गांधी से पूछा कि आखिर साल 2004 से 2014 के बीच कितने ओबीसी सचिव थे? राहुल गांधी ने सरकार पर सवाल उठाया था।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्यसभा में राहुल गांधी के सवाल के जवाब में उनसे भी सवाल पूछा है। नड्डा ने राहुल गांधी से पूछा कि 2004 से 2014 के दौरान आखिर कितने सचिव थे? नड्डा ने तंज कसते हुए कहा कि एक नेता को हमेशा नेता ही रहना चाहिए। ट्यूटर से काम नहीं चलेगा। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 21 सितंबर को लोकसभा में कहा था कि मैं यह जानकर हैरान था कि भारत सरकार के 90 सचिवों में से केवल तीन ओबीसी हैं। इन सचिवों का बजट के केवल 5 प्रतिशत पर नियंत्रण होता है। अगर देश का बजट 44 लाख करोड़ है तो 2.4 लाख करोड़ इसे नियंत्रित करता है।
भाजपा ने दिया पहला ओबीसी पीएम
राज्यसभा में जेपी नड्डा ने कहा कि 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आपको अखिल भारतीय सेवाओं में ओबीसी को आरक्षण देना चाहिए। 1995-96 में, एससी/एसटी और ओबीसी श्रेणी सेवाओं में शामिल हो गई। आज, सचिवों के पैनल के लिए कट-ऑफ वर्ष 1992 है। उपस्थित सचिव 1992 बैच से पहले के लोग हैं। 2004 से 2014 तक ओबीसी के कितने सचिव थे? जेपी नड्डा ने आगे कहा कि देश को ओबीसी प्रधानमंत्री देने वाली भाजपा ही एकमात्र पार्टी है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए पहला ओबीसी प्रधानमंत्री भाजपा और एनडीए ने दिया था और वह नरेंद्र मोदी हैं। वे ओबीसी की बात करते हैं। भाजपा के 303 सांसदों में से 85 ओबीसी हैं, जो 29 फीसदी है। 1358 विधायकों में से 27 फीसदी ओबीसी हैं। 163 एमएलसी में से 40 प्रतिशत ओबीसी हैं। हमारे पास लोकसभा में कांग्रेस सांसदों की कुल संख्या से अधिक ओबीसी सांसद हैं।
इंदिरा का जिक्र, महिलाओं की तारीफ
भाजपा अध्यक्ष ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रयासों और योगदान की तारीफ की। इस दौरान उन्होंने भारत के अंतरिक्ष मिशनों का भी उल्लेख किया। नड्डा ने कहा कि चाहे विज्ञान हो या अर्थशास्त्र, हमें खुशी है कि आज हमारे भारत की महिलाएं प्रमुख भूमिका हैं। आज अगर हम इसरो की बात करें जिसके बारे में जयराम रमेश ने भी कल बात की थी। चाहे मंगल मिशन हो, चंद्रयान मिशन हो, आदित्य एल-1 हो, इन सभी में महिला वैज्ञानिकों का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद हमारे पास 12 महिला मुख्यमंत्री हैं। ऐसे कई देश हैं जिन्होंने महिलाओं के मतदान के अधिकार के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया है, लेकिन यह हमारा सौभाग्य था कि हमारे देश में पहले आम चुनावों में महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिया गया। नड्डा ने अपने संबोधन में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का भी जिक्र किया और कहा कि यह हमारा भी सौभाग्य रहा कि कई अन्य देशों से पहले हमें एक महिला प्रधानमंत्री मिली।
