कुछ दिनों पहले एक रिपोर्ट आई थी जिसमें कुछ बेसिक और जरूरी दवाएं क्वॉलिटी टेस्ट में फेल हो गई थीं। काफी वक्त से खांसी सहित कई दवाओं में शिकायत की खबरें आ रही हैं। ऐसे में आम आदमी नहीं समझ पाता कि क्या खरीदे और क्या नहीं। अब न्यूरो और स्पाइन सर्जन डॉक्टर विकास ने अपने ट्विटर पर पोस्ट किया है कि दवाएं खरीदने से पहले हमें क्या सावधानी रखनी चाहिए।
दवाओं का नकली या खराब क्वॉलिटी का होना बेहद डराने वाला है। खाने-पीने की चीजों में मिलावट का अंदाजा तो हर किसी को होता है। जिस दवा को हम जान बचाने के लिए खा रहे हैं उसमें गड़बड़ी है तो ये जिंदगी से खिलवाड़ हो सकता है। यहां जानें कैसे नकली-असली दवाओं की पहचान की जा सकती है।
1.दवाइयां हमेशा लाइसेंस दुकान से ही खरीदें (लाइसेंस
दुकान में डिस्प्ले होना चाहिए )और बिल जरूर लें।
2.ऑनलाइन दवाइयां खरीदने से बचना चाहिए इसमें फ्रॉड की
संभावना ज्यादा होती है।
3.दवाई की कीमत और ऑफर -अक्सर नकली दवाइयां आपको काफी सस्ती और डिस्काउंट पर मिलेंगे।
4.पैकेजिंग में फर्क-अगर आपको दवाई के प्रिंटिंग में कोई स्पेलिंग मिस्टेक या डिजाइन में फर्क दिखता है तो सावधान हो जाइए वह दवाई नकली हो सकती है।
5.दवाइयां पर बैच नंबर ,मैन्युफैक्चर डेट और एक्सपायरी डेट लिखी होनी चाहिए।
6.अगर आपको दवाइयों के पैकेट पर बारकोड, यूनीक कोड या क्यूआर कोड नहीं दिखाई देता तो हमारी सलाह रहेगी ऐसे में उन दवाइयों को खरीदने से बचें।
7.अगर आप ध्यान से देखेंगे तो नकली दवाई की ऊपरी परत आमतौर पर सिकुड़ी हुई ,और खराब मिलेगी।
