डायरिया, डेंगू, मलेरिया एवं फाइलेरिया से बचाव ही सावधानी : कलेक्टर

प्रादेशिक मुख्य समाचार

राजनांदगांव। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे की ने कलेक्टोरट सभाकक्ष में मौसमी बीमारी डायरिया, डेंगू, मलेरिया एवं फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिला टास्क फोर्स समिति की बैठक ली। कलेक्टर ने कहा कि जिले में 16 जून से 31 जुलाई 2025 तक स्टॉप डायरिया कैम्पेन 2025 आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम का उद्देश्य 0 से 5 वर्ष के बच्चों में मृत्यु दर की कमी लाना है। कार्यक्रम अंतर्गत मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका द्वारा घर घर भ्रमण कर 0 से 5 वर्ष के बच्चों वाले घरों में ओआरएस पैकेट एवं जिंक टेबलेट वितरण किया जाएगा। साथ ही ओआरएस बनाने की विधि एवं हाथ धोने का विधि भी बताई जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि मौसमी बीमारियों डायरिया, डेंगू, मलेरिया एवं फाइलेरिया से बचाव के लिए जनसामान्य में आवश्यक सावधानी, सर्तकता एवं जागरूकता के लिए कार्य करें। उन्होंने बारिश को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य केन्द्रों में एण्टी स्नैक वैनम की दवाई रखने के लिए कहा। उन्होंने स्कूलों में बच्चों को हैण्डवाश करने के तरीके सिखाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि डायरिया, डेंगू, मलेरिया एवं फाइलेरिया से बचाव ही सावधानी है। उन्होंने अंतर विभागीय समन्वय से कार्यालय, निवास एवं आस-पास के क्षेत्रों में साफ-सफाई रखने तथा पानी जमा नहीं होने दें। उन्होंने नगर निगम को शहरी क्षेत्रों में साफ-सफाई करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने नागरिकों से अपील कि है कि बारिश के मौसम को ध्यान में रखते हुए मौसमी बीमारियों के प्रति आवश्यक सावधानी रखें एवं सुरक्षात्मक उपायों का पालन करें।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरतन ने बताया कि डेंगू का मच्छर आम मच्छरों से अलग होता है और यह दिन की रोशनी में काटता है। ऐसे में घर और आसपास मच्छरों को पनपने नहीं दें। कूलर में पानी जमा होने से उसमें डेंगू का लार्वा पनपने का खतरा रहता है। कूलर का उपयोग नहीं होने पर उसका पानी खाली कर दें एवं जो कूलर चालू है, उसे प्रति सप्ताह खाली कर साफ कर भरे, घर की छत पर रखें गमलों या अन्य चीजों में पानी जमा हो तो उसे तुरंत खाली करना चाहिए क्योंकि इसमें डेंगू लार्वा पैदा हो सकते हैं। घरों के आसपास या गड्ढों में पानी जमा नहीं होने दें एवं जमा पानी के गड्ढे में जला हुआ तेल डाल दें। जिससे आक्सीजन नहीं मिलने के कारण मच्छर का लार्वा नष्ट हो जाता है, मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। घर के दरवाजो में जाली लगवाएं, पैरों में मोजे पहने एवं दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। शौच हेतु टॉयलेट की उपयोगिता एवं स्वच्छता गके बारे में जानकारी दी जाएगी। समुदाय स्तर पर डायरिया की जागरूकता हेतु वालराइटिंग नारा लेखन किया जाएगा। समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों में ओआरएस, जिंक कॉर्नर की स्थापना की जाएगा। स्कूलों, आउटरिच सत्रों एवं वीएचएसएनडी एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में हाथ धोने की विधि का प्रदर्शन, भोजन के पहले साबुन से हाथ धोने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि डेंगू, मलेरिया एवं फाइलेरिया एडीज एजिप्टीएक ऐसा मच्छर है, जो डेंगू बुखार, चिकनगुनिया, जीका बुखार, मायरो बुखार के वायरस और अन्य रोग एजेंटों को फैला सकता है। विशेषकर बारिश के मौसम की शुरूआत के साथ ही मच्छरों के प्रजनन और परिणामस्वरूप महामारी में वृद्धि होती है। एडीज एजिप्टी मच्छर सबसे ज्यादा सुबह और शाम को और छायादार क्षेत्रों में पाए जाते हैं। यह पूरे साल या अनुकूल स्थिति में किसी भी समय संक्रमण फैला सकते हैं। इससे बचाव हेतु सभी को आवश्यक उपाय अपनाना चाहिए। डेंगू रोग के विषय में जनजागरूकता के लिए जिले में विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर डेंगू से बचाव से संबंधित नारा लेखन, मितानिन यात्रा व कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें लोगों को डेंगू होने के कारण, इसके लक्षण तथा इससे बचाव से संबंधित आवश्यक उपायों की जानकारी दी गई तथा जिले के समस्त विभागों के आवश्यक सहयोग से बीमारी से बचा जा सकता है एवं किसी प्रकार का बुखार होने पर चिकित्सक की सलाह ले। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह, अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, अपर कलेक्टर श्री प्रेम प्रकाश शर्मा, नगर निगम आयुक्त श्री अतुल विश्वकर्मा, एसडीएम राजनांदगांव श्री खेमलाल वर्मा, एसडीएम डोंगरगांव श्री मनोज मरकाम, एसडीएम डोंगरगढ़ श्री श्रीकांत कोर्राम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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