महाशिवरात्रि पर ये पत्ती चढ़ाने से मिलेगी शनिदेव और शिवजी की कृपा…

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शिवरात्रि पर बिल्व पत्र, शमी के पत्ते और आंक के फूल के साथ उनके पत्ते भी चढ़ाए जा सकते हैं। इसके अलावा पीपल के पत्ते भी शिवलिंग पर अर्पित किए जाते हैं। पीपल के पत्तों पर चंदन से राम नाम लिखकर हनुमान जी और शिव जी अर्पित किए जाते हैं। शमी के पत्तों को शिवलिंग पर चढ़ाने पर भगवान शिव के साथ शनिदेव की कृपा भी मिल जाती है। महाशिवरात्रि धार्मिक-आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष पर्व है। महाशिवरात्रि फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। जिस समय त्रयोदशी और चतुर्दशी की संधि होती है अर्थात त्रयोदशी समाप्त होकर चतुर्दशी शुरू होती है वो समय महाशिवरात्रि का असली पुण्यकाल होता है।

इस पुण्यकाल में भगवान शिव के निमित्त विशेष पूजा, अर्चना, जाप अनुष्ठान रुद्राभिषेक आदि किया जाता है। इस दिन को शिव विवाह महोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। ज्योतिष दृष्टि से महाशिवरात्रि को सिद्ध रात्रियों में से एक माना गया है। महाशिवरात्रि को की गई पूजा-अर्चना, जप दान आदि का फल कई गुना होता है।

शिवयोग का महाशिवरात्रि पर विशेष महत्व
ज्योतिषाचार्य विभोर इंदूसुत ने बताया कि 8 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। 8 मार्च को पूरे दिन त्रयोदशी तिथि उपस्थित रहेगी, 8 मार्च की रात 9 बजकर 57 मिनट पर त्रयोदशी और चतुर्दशी की संधि होगी। महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग भी है और 8 मार्च के दिन शिव योग उपस्थित रहेगा।

सिद्ध योग भी विशेष होगा
श्री लक्ष्मी ज्योतिष केंद्र से ज्योतिष अन्वेषक अमित गुप्ता ने बताया कि आठ मार्च को जलाभिषेक मुख्य होगा। ग्रहों की युति व योग आठ मार्च को ही बन रहे हैं, लेकिन एक योग ऐसा है, जोकि नौ मार्च को भी है। यह योग नौ मार्च की रात्रि 12 बजकर 46 मिनट से शाम आठ बजकर 30 मिनट तक रहेगा। यह योग सिद्धि प्राप्ति को शुभ माना जाता है।

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