कौन हैं BJP नेता नरेश कौशिक, जिनका नफे राठी हत्याकांड में उछल रहा नाम

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प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की सरेआम गोलियां मारकर हत्या किए जाने से हरियाणा की राजनीति में उबाल पैदा हो गया है। इस मामले में बहादुरगढ़ सीट से भाजपा के पूर्व विधायक नरेश कौशिक समेत 12 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इसके अलावा मामले की जांच राज्य सरकार ने सीबीआई को सौंपने का ऐलान किया है। नरेश कौशिक के अलावा बहादुरगढ़ नगर परिषद की चेयरमैन सरोज राठी के पति रमेश राठी, उनके रिश्तेदार कर्मबीर राठी, कमल राठी और पूर्व मंत्री मांगे राम के बेटे सतीश नंबरदार और पोते राहुल के खिलाफ भी केस दर्ज है। इनके अलावा 5 अज्ञात हमलावरों पर भी केस दर्ज है।

फिर भी सबसे ज्यादा चर्चा नरेश कौशिश की ही हो रही है। नरेश कौशिक 2014 में बहादुरगढ़ से विधायक चुने गए थे, लेकिन 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वह फिलहाल रोहतक लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के संयोजक के तौर पर काम देख रहे हैं। नरेश कौशिक समेत जिन लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज हुई है, उन पर हत्याकांड की साजिश रचने का आरोप है। बता दें कि सरोज राठी के पति रमेश राठी भी बहादुरगढ़ नगर परिषद के चेयरमैन रह चुके हैं। वहीं नफे सिंह के परिवार के लोगों और समर्थकों का कहना है कि जब तक आरोपियों को अरेस्ट नहीं किया जाएगा, तब वे शवों का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

राठी के समर्थकों ने सोमवार को सिविल अस्पताल के बाहर जाम भी लगाया। नफे सिंह राठी के भतीजे और घटना के वक्त गाड़ी चला रहे राकेश की शिकायत पर केस दर्ज हुआ है। शिकायत के अनुसार राकेश गाड़ी चला रहे थे और आगे की सीट पर ही नफे सिंह राठी बैठे थे। वहीं पीछे उनके सुरक्षाकर्मी संजीत और जयकिशन बैठे थे। राकेश ने कहा कि मैंने यह समझ लिया था कि कोई कार हमारा पीछा कर रही है। हमने गाड़ी की स्पीड भी बढ़ाई, लेकिन रेलवे क्रॉसिंग के चलते रुकना पड़ गया। इतने में ही पीछा कर रही i20 कार आई और बदमाशों ने उतरकर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।

राकेश ने कहा, ‘हमलावरों ने हमसे कहा कि हम यहां नरेश कौशिक, सतीश और कर्मबीर राठी से रंजिश पालने का सबक सिखा रहे हैं। उनमें से एक आया और मेरे से कहा कि तुम्हें जिंदा छोड़ रहा हूं। इसलिए कि तुम परिवार के लोगों को बताना कि हमारे खिलाफ मुकदमा न करें वरना भुगतना होगा।’ राकेश ने कहा कि मैंने देखा कि चाचा नफे सिंह राठी और जय किशन की तत्काल मौत हो गई, लेकिन संजीत की हालत गंभीर थी। इसके बाद में सीधे बहादुरगढ़ के एक अस्पताल में पहुंचा।

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