हवाई किराये पर लगाम: सरकार ने एयरलाइन कंपनियों पर लगाया फेयर कैप, इंडिगो को मिला आदेश

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इंडिगो संकट के बीच अब सरकार ने एयरलाइन कंपनियों पर फेयर कैप लगा दिया है। घरेलू हवाई किरायों में बढ़ोतरी को लेकर बढ़ती शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शनिवार को एयरलाइन कंपनियो पर फेयर कैप यानी अस्थायी किराया सीमा लगा दी और सेवाओं में जारी व्यवधान के दौरान उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। मतलब ये हुआ कि अब एयरलाइन कंपनियों की किराये पर मनमानी नहीं चलेगी।

क्या है निर्देश में

सभी एयरलाइन कंपनियों को जारी आधिकारिक निर्देश के मुताबिक निर्धारित किराया सीमा का सख्ती से पालन अनिवार्य किया गया है। ये सीमाएं तब तक लागू रहेंगी जब तक स्थिति पूरी तरह से स्थिर नहीं हो जाती। इस निर्देश का मकसद बाजार में मूल्य निर्धारण अनुशासन बनाए रखना, संकटग्रस्त यात्रियों का शोषण रोकना और यह सुनिश्चित करना है कि जिन नागरिकों को तत्काल यात्रा करने की आवश्यकता है, उन्हें इस अवधि के दौरान आर्थिक तंगी का सामना न करना पड़े। इसमें वरिष्ठ नागरिक, छात्र और मरीज भी शामिल हैं।

इससे संबंधित मंत्रालय वास्तविक समय के आंकड़ों और एयरलाइनों एवं ऑनलाइन यात्रा प्लेटफार्मों के साथ सक्रिय समन्वय के माध्यम से किराया स्तरों पर कड़ी निगरानी बनाए रखेगा। निर्धारित मानदंडों को नहीं मानने पर कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी गई है ।

तुरंत रिफंड का आदेश

इसके साथ ही सरकार ने इंडिगो को उसकी रद्द की गई उड़ानों के टिकट के पैसे रविवार शाम तक लोगों को वापस करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने इंडिगो से कहा है कि वह बिना किसी देरी के सभी प्रभावित यात्रियों को पूरा रिफंड दे। रद्द या प्रभावित उड़ानों के मामले में रिफंड का काम रविवार 7 दिसंबर 2025 को रात आठ बजे तक पूरा करने का निर्देश दिया गया है। इसमें देरी होने पर नियामक कार्रवाई की जाएगी। वहीं इंडिगो संकट के प्रभावित यात्री अगर अपनी यात्रा की तारीख या समय में बदलाव करते हैं तो उनसे कोई रीशेड्यूलिंग चार्ज न लेने की सलाह दी गई है। सरकार ने इंडिगो से रिफंड के काम की देखरेख के लिए अलग से एक प्रकोष्ठ बनाने के लिए कहा गया है। यह प्रकोष्ठ स्थिति पूरी तरह सामान्य होने तक सक्रिय रहेगा। एयरलाइन से कहा गया है कि जिन यात्रियों ने बैगेज चेक-इन करा लिया था और उसके बाद उनकी उड़ान रद्द हो गयी या उसमें देरी हुई, उनके बैगेज यात्री के घर पर या उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये पते पर भिजवा दिये जाएं।

शनिवार को भी संकट बरकरार

बता दें कि चालक दल की कमी और परिचालन संबंधी समस्या से जूझ रही इंडिगो की शुक्रवार को देश भर में 1000 से अधिक उड़ानें रद्द रही जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। शनिवार यानी आज भी बड़ी संख्या में उड़ान सेवाएं ठप रहीं। इस हालात में शुक्रवार और शनिवार को हवाई किराए आसमान छूते नजर आए। एयरलाइन कंपनियों की वेबसाइट के अनुसार, छह दिसंबर को स्पाइसजेट की कोलकाता-मुंबई की एक तरफ की यात्रा के लिए ‘इकॉनमी’ श्रेणी के टिकट की कीमत 90 हजार रुपये तक पहुंच गई, जबकि एयर इंडिया की मुंबई-भुवनेश्वर टिकट 84,485 रुपये तक बिक रही थी। कुछ रूट पर तो शुक्रवार को किराया एक लाख रुपये को भी पार कर गया। ऐसे में हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है। अब सरकार की सख्ती के बाद यह संभव है कि हवाई किराया कंट्रोल में रहे।

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