देश में जब से ऑनलाइन पेमेंट का सिलसिला शुरू हुआ है, तब से इसमें लगातार तेजी से बढ़त होते जा रही है। मोबाइल के माध्यम से दिन में 24 घंटे और साल के 365 दिन फास्ट मनी ट्रांसफर किए जाने की फेसिलिटी के साथ यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई की पॉपुलरिटी भी तेजी से बढ़ी है।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम यानी एनपीसीआई द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, फेमस यूपीआई ट्रांसेक्शन की संख्या पिछले महीने जुलाई में 19.47 अरब के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गई, जो कि सालाना आधार पर 35 फीसदी की ग्रोथ को दर्शाता है।
इसी तरह, यूपीआई के जरिए ट्रांसेक्शन का कुल मूल्य 25.08 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जो मई के महीने में दर्ज 25.14 लाख करोड़ रुपये के बाद दूसरा हाई लेवल था। ट्रांसेक्शन के प्राइस में सालाना आधार पर 22 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई।
डेली ट्रांजैक्शन काउंट
एनपीसीआई के अनुसार, जुलाई में यूपीआई के माध्यम से एवरेज डेली ट्रांजैक्शन काउंट 628 मिलियन और एवरेज डेली ट्रांजैक्शन अमाउंट 80,919 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। अकेले जून 2025 में यूपीआई के माध्यम से 24.04 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के भुगतान किए और कुल 18.40 अरब लेनदेन किए गए। पिछले साल इसी महीने 13.88 अरब ट्रांसेक्शन की तुलना में हुई यह प्रगति साफ है। केवल एक साल में इसमें लगभग 32 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की नोट में क्या कहा ?
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ की ओर से हाल ही में जारी किए गए नोट, ‘ग्रॉइंग रिटेल डिजिटल पेमेंट्स: द वैल्यू ऑफ इंटरऑपरेबिलिटी’ के अनुसार, भारत फास्ट पेमेंट में ग्लोबल लीडर बनकर उभरा है। इस बदलाव का मुख्य कारण यूपीआई है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की ओर से 2016 में लॉन्च किए गए यूपीआई ने देश में लोगों के पैसे भेजने और लेने के तरीके को बदल दिया है।
यूपीआई सिस्टम अब 491 मिलियन लोगों और 65 मिलियन कारोबारियों को सर्विस देता है। यह 675 बैंक को एक ही प्लेटफॉर्म पर जोड़ता है, जिससे लोग बिना किसी चिंता के आसानी से पेमेंट कर सकते हैं, बिना यह सोचे कि वे किस बैंक के ग्राहक हैं।
भारत का यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी यूपीआई दुनिया का नंबर वन रियल-टाइम भुगतान सिस्टम भी बन गया है। यूपीआई ने रोजाना लेनदेन की प्रोसेसिंग में वीजा को पीछे छोड़ते हुए बढ़त हासिल कर ली है। वीजा के 63 करोड़ 90 लाख ट्रांजैक्शन के मुकाबले यूपीआई हर दिन 64 करोड़ से अधिक लेनदेन संभालता है। यूपीआई ने यह उपलब्धि केवल 9 वर्षों में हासिल की है।
