कोई दलित तो कोई OBC और ब्राह्मण, PM मोदी के नामांकन में अलग-अलग प्रस्तावकों के मायने क्या?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव-2024 के लिए मंगलवार को वाराणसी से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान भाजपा शासित राज्यों के करीब आधा दर्जन मुख्यमंत्री, भाजपा अध्यक्ष, कई केंद्रीय मंत्री और एनडीए के विभिन्न घटक दलों के नेता मौजूद रहे। गंगा सप्तमी के मौके पर मां गंगा को नमन करने के बाद पीएम मोदी काशी के कोतवाल काल भैरव के दर पर पहुंचे। वहां पूजा करने के बाद वह विभिन्न राजनीतिक दिग्गजों के साथ शक्ति प्रदर्शन करते हुए जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। गणेश्वर शास्त्री, बैजनाथ पटेल, लालचंद कुशवाहा और दलित समाज के संजय सोनकर प्रधानमंत्री के नामांकन के चार प्रस्तावक बने। चलिए हम आपको बताते हैं कि ये चारों कौन हैं…

गणेश्वर शास्त्री द्रविड़
66 साल के गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ वेदों के विद्वान बताए जाते हैं। वह वाराणसी के राम घाट क्षेत्र के निवासी हैं। उन्हें जनवरी में अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक, अगस्त 2020 में मंदिर के लिए भूमि पूजन और फरवरी 2022 में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए मुहूर्त तय करने का काम सौंपा गया था। दरअसल, तमिलनाडु के तिरुविसनल्लूर गांव के रहने वाले द्रविड़ के पूर्वज 19वीं सदी में ही वाराणसी चले आए थे। उनके पिता लक्ष्मण शास्त्री को रामघाट में श्री वल्लभराम शालिग्राम सांगवेद विद्यालय की स्थापना का श्रेय दिया जाता है।

संजय सोनकर
50 वर्षीय संजय सोनकर भाजपा की वाराणसी यूनिट में जिला महामन्त्री हैं। वह सोनकर समुदाय से हैं, जो अनुसूचित जाति में आते हैं। साल 2022 में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान पीएम मोदी से मुलाकात के बाद वह सुर्खियों में आए। वह वाराणसी के रहने वाले हैं और भाजपा के पुराने नेता बताए जाते हैं।

लालचंद कुशवाहा
लालचंद कुशवाहा कपड़े की दुकान के मालिक हैं। वह 65 साल के हैं और ओबीसी समुदाय से आते हैं। कुशवाहा वाराणसी के छावनी क्षेत्र के निवासी हैं। वह भाजपा के वाराणसी जोनल भी प्रभारी हैं।

बैजनाथ पटेल
अगर बैजनाथ पटेल की बात करें तो वह आरएसएस के पुराने समर्थक हैं। उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा जनसंघ से शुरू की थी। वह वाराणसी के सेवापुरी इलाके के रहने वाले हैं। पटेल ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। वह हर्षोश के ग्राम प्रधान भी रह चुके हैं।

इस तरह, पीएम मोदी के नामांकन में बने 4 प्रस्तावकों में 2 OBC, एक दलित और एक ब्राह्मण समुदाय से रहे। राजनीतिक गलियारे में इसके गहरे मायने निकाले जा रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा कि कहीं ना कहीं यह जातिगत समीकरणों को साधने में काम आ सकता है। बता दें कि नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद एक्स पर पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘काशी के मेरे परिवारजनों का हृदय से आभार! वाराणसी से लगातार तीसरी बार नामांकन कर बेहद उत्साहित हूं।’

पीएम मोदी ने अपनी पोस्ट में कहा, ‘बीते 10 वर्षों में आप सबसे जो अद्भुत स्नेह और आशीर्वाद मिला है, उसने मुझे निरंतर सेवाभाव और पूरे संकल्प के साथ काम करने के लिए प्रेरित किया है।’ उन्होंने कहा कि आपके भरपूर समर्थन और सहभागिता से मैं अपने तीसरे कार्यकाल में भी नई ऊर्जा-शक्ति के साथ यहां के चौतरफा विकास और जनता-जनार्दन के कल्याण में जुटा रहूंगा। जय बाबा विश्वनाथ!

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